भारत में मनाए जाने वाले सभी त्योहारों में छठ पूजा का अपना विशेष स्थान है| यह पर्व सूर्य देव और छठी मैया की उपासना का पर्व है जिसमें लोग अपनी आस्था तप और भक्ति के माध्यम से परिवार की सुख समृद्धि की कामना करते हैं,

छठ पूजा बिहार झारखंड पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है.
छठ पूजा का इतिहास
छठ पूजा का उल्लेख प्राचीन ग्रंथो में भी मिलता है कहा जाता है यह महापर्व वैदिक काल से जुड़ा हुआ है जब सूर्य देव की आराधना को जीवन, ऊर्जा और स्वास्थ्य का आधार माना जाता था.
रामायण काल के अनुसार
भगवान राम अयोध्या लौटे थे तो माता सीता ने कार्तिक शुक्ल पक्ष की पुष्टि को सूर्य देव की उपासना कर परिवार में कल्याण की प्रार्थना की थी -तभी से यह पर्व मनाया जाता है.
छठ पूजा विधि और चरण

1.पहला दिन ( नहाए,खाए )
इस दिन ब्रती शुद्ध और पवित्र भोजन ग्रहण करते हैं और व्रत की शुरुआत करते हैं.
2. दूसरा दिन ( खरना )
इस दिन को छोटी छठ का व्रत भी कहते हैं इस दिन ब्रती केवल शाम के समय गुड और चावल (रसियाव), एवं दूध और चावल का खीर का प्रसाद बनाते हैं और ग्रहण करते हैं.

3. तीसरा दिन( संध्या अर्घ )
इस दिन व्रती पूरे श्रद्धा भाव से निराजल व्रत रहती हैं. और संध्या को छठी घाट पर जाकर श्रद्धा भाव से पूजा करती हैं और डूबते सूर्य को अर्घ अर्पित करती हैं. घाटों पर लोकगीत,भजन और दीप एवं साथ सजा का अद्भुत दृश्य देखने को मिलता है.

4. चौथा दिन( उषा अर्घ )
अंतिम और चौथा दिन इस दिन व्रती उगते हुए सूर्य देव को अर्घ देते हैं और अपने व्रत को समापन करते हैं.
